आँखों का अंजन हैं, माथे का चन्दन हैं, मित्र तुम्हारा, वंदन हैं अभिनन्दन है…..!!
कृष्ण-सुदामा बंधन हैं, ह्रदय से ह्रदय में स्पंदन हैं, मित्र तुम्हारा, वंदन हैं अभिनन्दन है…..!!
नन्द-यशोदा नंदन हैं, हर डाल कदम्ब की कुंदन हैं, मित्र तुम्हारा, वंदन हैं अभिनन्दन है…..!!
मन से मन का रंजन हैं, सुख-दुःख का अवलम्बन हैं, मित्र तुम्हारा, वंदन हैं अभिनन्दन है…..!!
कनक सा कंचन हैं, सरस सुबोध प्रभंजन हैं, मित्र तुम्हारा, वंदन हैं अभिनन्दन है…..!!
मित्र हैं तो जीवन है!!
Beautiful writeup…
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