प्रसन्नता, क्रोध, अवसाद : अति सर्वत्र वर्जयेत!!

सुप्रभात!! हमारे बुज़ुर्ग सच ही कहा करते थे कि प्रसन्नता के वशीभूत हो कर किया गया वचन/वादा;  क्रोध के वशीभूत हो कर दिया गया जवाब और अवसाद की अवस्था में लिया गया निर्णय सदैव पश्चाताप का कारण  बनते हैं! नज़र उठाकर देखेंगे तो हमारे आसपास ही ऐसे सैंकड़ों उदाहरण मिल जाएंगे, नहीं तो इतिहास केContinue reading “प्रसन्नता, क्रोध, अवसाद : अति सर्वत्र वर्जयेत!!”